Belgium National Football Team: Red Devils’ Legacy

“फुटबॉल हमारी जीवन शैली है। यह हमारे लिए एक धर्म है। जीन-मारेल वन-डेल्वान, बेल्जियम राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी

बेल्जियम की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, लाल शैतान के नाम से जानी जाती है, एक लंबा और सम्मानजनक इतिहास रखती है। 1904 में फ्रांस के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद से, टीम ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई है।

Belgium National Football Team

प्रमुख बिंदु

  • बेल्जियम राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का आधिकारिक इतिहास 1904 से शुरू होता है।
  • उन्होंने 12 फीफा विश्व कप और 5 यूईएफए यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है।
  • 1920 के दशक में तीन ओलंपिक फुटबॉल टूर्नामेंट सहित कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया है।
  • राष्ट्रीय पक्ष को दो स्वर्णकाल माना जाता है: 1980 के दशक और 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में, और 2010 के दशक के शुरुआती वर्षों से।
  • बेल्जियम ने 2018 विश्व कप में तीसरा स्थान हासिल किया।

Belgium National Football Team का आरंभिक इतिहास

बेल्जियम यूरोप का पहला देश था जहां फुटबॉल खेला गया। 1863 में, साइरिल बी मोरॉ ने आयरिश छात्र ने जोसेफ़ाइट्स कॉलेज में चमड़े के गोले से खेल शुरू किया। ब्रिटिश शिक्षकों ने बाद में इसे स्कूलों में लोकप्रिय बनाया।

फुटबॉल का बेल्जियम में प्रसार (1860-1899)

शुरुआत में फुटबॉल एक श्रेष्ठवर्गीय मनोरंजन था। लेकिन, जल्द ही यह देश का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया। 1895 में, राष्ट्रीय एथलेटिक्स खेल संघ की स्थापना हुई, जो बाद में यूबीएसएसए (यूनियन बेल्ज डेज सोसाइटीज डी स्पोर्ट्स एथलेटिक्स) के नाम से राष्ट्रीय फुटबॉल संघ का पूर्ववर्ती था।

यूबीएसएसए ने 1896 में बेल्जियम में पहली लीग आयोजित की।

राष्ट्रीय टीम का जन्म (1900-1904)

11 अक्टूबर 1900 को, जॉर्ज डीएज ने घोषणा की कि एंटवर्प यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल टीमों के लिए चुनौती मैचों की श्रृंखला आयोजित करेगा। पुरस्कार वैंडेन एबेले कप था।

28 अप्रैल 1901 को, बीरशॉट के मैदान ने पहला टूर्नामेंट आयोजित किया। एक बेल्जियम चयन और सीज़ वैन हैसेल्ट ने एक डच टीम के खिलाफ खेला। मेजबान टीम ने 8-0 से जीत हासिल की।

लेकिन, फीफा ने इन परिणामों को मान्यता नहीं दी। क्योंकि बेल्जियम टीम में कुछ अंग्रेजी खिलाड़ी थे, जैसे हर्बर्ट पॉट्स, जिन्होंने 12 गोल किए।

शुरुआती दिन (1905-1919)

1905 से शुरू होकर, बेल्जियम और नीदरलैंड्स की फुटबॉल टीमें हर साल दो बार मैच खेलती थीं। एक मैच एंटवर्प में और दूसरा रॉटरडैम में होता था। इन मैचों को “लो कंट्रीज डर्बी” के नाम से जाना जाता था और 1925 तक बेल्जियम-डच कप ट्रॉफियां दी जाती थीं।

1905 में नीदरलैंड्स के दौरे के दौरान, एक रिपोर्टर ने लिखा कि तीन बेल्जियम फुटबॉलर “शैतानों की तरह” काम कर रहे थे। एक साल बाद, पत्रकार पिएरे वॉकिर्स ने बेल्जियम टीम को “रेड डेविल्स” नाम दिया। इस नाम की प्रेरणा उनके लाल जर्सी और उस साल की तीन जीतों से थी।

1910 में, विलियम मैक्सवेल को बेल्जियम टीम का पहला प्रबंधक बनाया गया। अल्फोंस सिक्स ने उनके कार्यकाल में अपना अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया। सिक्स युद्ध पूर्व के बेल्जियम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक थे और ब्रिटिश द्वीपसमूह के बाहर सबसे कुशल हमलावर थे। आगे क्या होगा

ओलंपिक स्वर्ण और विश्व कप संघर्ष

बेल्जियम की फुटबॉल टीम, “रेड डेविल्स” के नाम से जानी जाती है, ने 1920 में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उस समय, उनके प्रतिद्वंद्वी चेकोस्लोवाकिया मैच से बाहर हो गए थे। 1920 के दशक में बेल्जियम ने ओलंपिक में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने सात मैचों में चार जीत की थीं।

1920 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक

इस ओलंपिक में बेल्जियम ने अर्जेंटीना के खिलाफ अपना पहला अंतरमहाद्वीपीय मैच खेला। लेकिन, अगले दशक में बेल्जियम ने फीफा विश्व कप के पहले तीन फाइनल में हार का सामना किया।

इसलिए, बेल्जियम फुटबॉल प्रदर्शन के इस दौरान सवाल हैं कि वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना पाएंगे या नहीं।

“हमारी टीम को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने की जरूरत है। 1920 के ओलंपिक में मिला स्वर्ण पदक एक शुरुआत है, लेकिन अब हमें अपने प्रदर्शन को और भी बेहतर करना होगा।”

दूसरा विश्व युद्ध (1940-1945)

द्वितीय विश्व युद्ध ने बेल्जियम फुटबॉल टीम के लिए कई चुनौतियां पेश कीं। युद्धकाल में कई अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताएं स्थगित कर दी गईं। 1940 के दशक में बेल्जियम की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ने अपनी अधिकांश गतिविधियों को बंद कर दिया।

हालांकि, युद्ध के दौरान कुछ मैच खेले गए। बेल्जियम और नीदरलैंड्स के बीच के मैचों ने एक पारंपरिक दर्बी को जीवित रखा।1944 में बेल्जियम और फ्रांस के बीच एक मैच भी खेला गया था।

युद्धकालीन मैचों ने बेल्जियम फुटबॉल टीम के लिए महत्वपूर्ण थे। ये मैच उनके लिए एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थे। इन मैचों ने राष्ट्रीय खेल के विकास में मदद की।

  • बेल्जियम और नीदरलैंड्स के बीच अनधिकृत मैच खेले गए
  • 1944 में बेल्जियम और फ्रांस के बीच एक मैच खेला गया
  • युद्धकालीन मैच राष्ट्रीय खेल के विकास को बनाए रखने में मदद करते थे

युद्धकालीन अवधि में खेले गए मैच बेल्जियम फुटबॉल टीम के लिए अहम थे, क्योंकि यह उनके लिए एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी।

इस प्रकार, बेल्जियम फुटबॉल टीम ने 1940-1945 के युद्ध के दौरान फुटबॉल के माध्यम से अपनी उपस्थिति बनाए रखी। अनधिकृत मैचों ने राष्ट्रीय खेल को जीवित रखने में मदद की।

युद्ध के बाद के दशकों में कम सफलता (1945-1969)

बेल्जियम की फुटबॉल टीम के लिए 1940 और 1950 के दशक काफी कठिन थे। हेनरी “रिक” कॉपेंस, जोसेफ “जेफ” मर्मन्स और लियोपोल्ड “पोल” अनूल जैसे बेल्जियम फुटबॉल खिलाड़ी थे। लेकिन उन्होंने बड़े टूर्नामेंटों में कामयाब नहीं हुए।

1950 और 1960 के दशक में बेल्जियम ने केवल एक बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था। वह 1954 का विश्व कप था। इस दौरान, बेल्जियम ने यूईएफए की सह-स्थापना में हिस्सा लिया।

पॉल वैन हिम्स्ट का सम्मान

1970 के दशक की शुरुआत में पॉल वैन हिम्स्ट को बेल्जियम के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में से एक माना जाता था। वह अपने कौशल और नेतृत्व के लिए प्रशंसित थे।

बेल्जियम फुटबॉल टीम के बेहतरीन खिलाड़ी (1945-1969)
हेनरी “रिक” कॉपेंस
जोसेफ “जेफ” मर्मन्स
लियोपोल्ड “पोल” अनूल
पॉल वैन हिम्स्ट

“पॉल वैन हिम्स्ट को 20वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ बेल्जियन फुटबॉलरों में से एक माना जाता था।”

पुनरुत्थान और पहला यूरो फाइनल (1970-1978)

1970 के दशक के शुरुआत में बेल्जियम की राष्ट्रीय टीम ने सुधार दिखाया। रेमंड गोथल्स के नेतृत्व में टीम ने विश्व और यूरोपीय चैंपियनशिप में अपना नाम बनाया। 1972 में यूरो चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर, टीम ने पश्चिम जर्मनी से हार का सामना किया।

यह बेल्जियम का पहला यूरो फाइनल था और टीम के लिए एक बड़ा कदम था।

बेल्जियम लीग XI

1970 के दशक में बेल्जियम लीग XI ने राष्ट्रीय टीम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिखाया। इसमें ब्रूनो वनडेर एस्ट, पॉल वैन हिम्स्ट, जीयोर्ज्स लीकेंस और रेने वैनडर एल्स्ट जैसे सितारे शामिल थे।

इन खिलाड़ियों ने बेल्जियम के फुटबॉल को नई ऊंचाइयों तक ले गए।

1970 के दशक के शुरुआत में बेल्जियम ने एक बड़ा पुनरुत्थान देखा। रेमंड गोथल्स के नेतृत्व में टीम ने यूरो चैंपियनशिप के फाइनल में कदम रखा और लीग XI के माध्यम से प्रमुख खिलाड़ियों को विकसित किया।

यह बेल्जियम फुटबॉल के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर था।

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