all india rank 2024.अखिल भारतीय रैंकिंग – शिक्षा

(Shirshak) अखिल भारतीय रैंकिंग – शिक्षा, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य में भारत की स्थिति Akhil Bharatiya Ranking Shiksha, Arthvyavastha aur Swasthya mein Bharat ki sthiti) (All India Rank – India’s Position in Education, Economy, and Health)

एक विशाल और विविधतापूर्ण देश के रूप में, भारत अक्सर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति को लेकर चर्चा का विषय बन जाता है। आर्थिक विकास, शैक्षणिक उपलब्धियों और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर अन्य देशों के साथ उसकी तुलना की जाती है। इस लेख में, हम भारत की अखिल भारतीय रैंकिंग (All India Rank 2024) का विश्लेषण करेंगे और यह समझने का प्रयास करेंगे कि वह इन तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कैसा प्रदर्शन कर रहा है।

1. Shiksha all India Rank 2024

All India Rank 2024

शिक्षा क्षेत्र में भारत की स्थिति को समझना जटिल है। एक तरफ, देश ने पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें प्राथमिक शिक्षा में नामांकन दर में वृद्धि और साक्षरता दर में सुधार शामिल है। हालांकि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच, विशेषकर उच्च शिक्षा में, अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

विश्व बैंक के अनुसार, 2021 में प्राथमिक शिक्षा में सकल नामांकन दर (Gross Enrollment Ratio) 108% थी, जो दर्शाता है कि नामांकन दर आयु-समूह से अधिक है। हालाँकि, माध्यमिक शिक्षा में यह दर घटकर 79% हो जाती है।

विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग (QS World University Ranking) की तो वर्ष 2024 में भारत का कोई भी विश्वविद्यालय शीर्ष 200 में शामिल नहीं हो सका। हालांकि, भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) बेंगलुरु 251-300 रैंक बेंड में शामिल हुआ।

2. Arthvyavastha

अर्थव्यवस्था के मामले में, भारत पिछले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के अनुसार, 2023 में भारत की जीडीपी (GDP) वृद्धि दर 6.8% रहने की उम्मीद है। Health

हालाँकि, भारत को गरीबी, बेरोजगारी और असमानता जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। विश्व बैंक के अनुसार, 2020 में भारत में लगभग 16% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही थी।

3. Swasthya

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की रैंकिंग मिश्रित है। चिकित्सा पेशेवरों की कमी, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में असमान स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, और संक्रामक रोगों का बोझ जैसी चुनौतियों के बावजूद, भारत ने कुछ क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

उदाहरण के लिए, बाल मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय कमी आई है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति 1000 जीवित जन्म पर शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) 27 और प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) 157 है। Daily news

निष्कर्ष

भारत की अखिल भारतीय रैंकिंग क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकती है। शिक्षा क्षेत्र में नामांकन दर में सुधार हुआ है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सीमित पहुंच बनी हुई है। अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन गरीबी और असमानता अभी भी बड़ी चुनौतियां हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति हुई है, लेकिन चिकित्सा पेशेवरों की कमी और संक्रामक रोगों का बोझ मुद्दे बने हुए हैं

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